आचार्य पंडित भगवती प्रसाद शुक्ल का जन्म श्री गंगा यमुना के मध्य सगुणावतारोँ की पावन भूमि उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर तहसील अकबरपुर ग्राम शाहजहाँपुर निनयां मे भारद्वाज गोत्री ब्राह्मण कुल मे महात्मा श्री राजाराम शुक्ल के घर संन 1970 ई कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी मे हुआ। बचपन मे ही पूजनीया माता जी का स्वर्गवास हो जाने के कारण पूज्य पिता जी ने पालन पोषण किया। समय आने पर परमपूज्य सद्गुरुदेव जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्त श्री विभूषित श्री स्वामी मुनिशाश्रम जी महाराज की कृपा से श्री सम्पूर्णानद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से सम्बद्घ श्री भुवनेश्वरी महेशवरानंद गुरुकुल संस्कृत माहाविधालय, झलोकर (हमीरपुर) उ प्र से शास्त्री व आचार्य की शिक्षा प्राप्त की। वैध विशारद किया एवं कुरुक्षेत्र विश्वविधालय, कुरुक्षेत्र से श्रीमदभगवदगीता का डिप्लोमा किया। शिक्षा ग्रहण करते हुए ही सद्गुरुओं के दिग्दर्शन मे कर्मकाण्ड, ज्योतिष व श्रीमद भगवत आदी अनेक ग्रन्थो का अध्ययन किया। समय समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा 'ब्राह्मणगौरव' 'ब्राह्मणकुल्भुशन' 'सनातनधर्म गौरव' 'धर्मकर्मविज्ञानाचार्य' सम्मान से अलंकृत किया गया। 20 वर्ष की आयु से अब तक अनवरत सम्पूर्ण भारत वर्ष में श्रीमदभगवद कथा, श्री राम कथा, हर प्रकार के अनुष्ठान आदी के द्वारा सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। वर्तमान मे श्री राधा कृष्ण मन्दिर रादौर (यमुनानगर) मे सेवा करते हुए माँ भगवती ज्योतिष व अनुष्ठान केन्द्र का संचालन करते हुए समाज सेवा कर रहे हैं। सेवा, त्याग, संतोष, प्रेम ही मूल मन्त्र रहा है।
माँ भगवती ज्योतिष व अनुष्ठान केन्द्र
श्री राधा कृष्ण मन्दिर रादौर, (यमुनानगर)94162-67224
95418-76824
99964-97224
Monday - Sunday: 10:00 AM to 9:00 PM